Monday 1 March 2021

प्रेम और समर्पण

                एक लड़का था जो कि अपनी परेशानियों में ही अकेला मस्त था। उसे अकेलेपन में ही खुशी मिलती, दुनिया के झमेलों से वो दूर ही रहता। प्यार, इश्क़,मोहोब्बत की कहानियाँ उसे  पसंद तो बहुत थी पर खुद ही खुदको इन सब से बहुत दूर रखता था। डरता था वो खोने से व्यक्ति को नहीं अपने अंदर निहित प्रेम को खोने से। इसीलिए उसने खुद को किसी के प्रेम में पड़ने और किसी को प्रेम करने से बचा के रखा था। 
            एक सामान्य और अच्छा जीवन बीत रहा था। तभी उसे उसकी एक सहपाठी से प्रेम हो जाता है। उसने अपने प्रेम का इज़हार भी किया और उसे ये जानकर अत्यधिक प्रसन्नता भी हुई की वो भी उससे प्रेम करती है। दोनों का प्रेम प्रसंग काफी अच्छा चल रहा था और दोनों ही बहुत ज्यादा खुश और आनंदित थे। एक सामान्य प्रेमी जोडे की तरह दोनों एक दूसरे से बेहद प्रेम करते। परन्तु ये सब कुछ ज्यादा दिनों तक न चला धीरे-धीरे  लोगों को पता चलने लगा और उन पर पाबन्दियाँ लग गयीं। अब न वो एक दूसरे से बात कर सकते और न मिल ही सकते। कुछ समय तक दूरियाँ ऐसे ही बनी रही है।
                   इसी बीच एक दिन एकाएक लड़के को पता चलता है कि उसकी प्रेमिका ने किसी और से सगाई कर ली है और कुछ ही समय में शादी भी हो जाएगी। वह तो एकदम से चौंक कर ही रह गया। उसे कुछ नही सूझता की अब वो क्या करे। उसकी हालत जल बिन तड़प रहे किसी मछली सी हो गयी। बुरी हालत तो उसकी तब होती जब वो अपनी प्रेमिका को अपने सामने ही देखता लेकिन उससे बात तक नहीं कर सकता ताकि उसे लोकलाज से बचा सके। प्रेमिका ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया एक बेदर्दी की तरह उसे खूब तड़पाया। इन सब से सहम कर लड़के ने इसे ही अपना भाग्य समझ लिया और मन ही मन अपनी प्रेमिका की खुशी की कामना करते हुए अपने भीतर निहित ईश्वरीय प्रेम का गला घोंट दिया और खुद को प्रेम में हारा हुआ व्यक्ति समझने लगा।


(दोस्तों कहानी छोटी जरूर है परंतु सन्देश गहरा है और मुझे पूरा विश्वास है कि आप लोग जरूर समझोगे।)

(जीवन में हमेशा जरूरी नहीं कि हम जिससे प्रेम करते हैं वो व्यक्ति भी हमसे उतना ही प्रेम करे जितना कि हम उससे करते हैं या मान  लो की वो करता भी है फिर भी ये तो जरुरी नही की वो ही आपका जीवनसाथी हो या वो जीवन भर आपका साथ निभाए। और अगर सच्चा प्रेम पा लेना इतना ही आसान होता तो भगवान श्रीकृष्ण राधारानी को न पा लेते क्या। इसीलिए हमें मान लेना चाहिए कि ईश्वर के कुछ फैसले हमें वर्तमान में तो बहुत दुख देते हैं पर वो हमारे भविष्य के लिए एकदम ठीक होते हैं।)

(दोस्तों आपसे एक सवाल आपको क्या लगता है उस लड़के ने ठीक किया या फिर उसे अपना प्रेम पाने के लिए लड़की से वाद-विवाद करना चाहिए था ताकि हंगामा हो और उसकी शादी में बाधा पड़ सके। दोस्तों जवाब जरूर दीजियेगा और हाँ कमेंट में अपना नाम लिखना मत भूलना जिससे मैं आपको जान सकूँ।)

धन्यवाद🙏
राधे राधे
जय श्रीकृष्ण

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