Saturday 30 October 2021

याद

                     याद

वो पहला स्पर्श याद आया होगा,
वो पहला निष्कर्ष याद आया होगा।
वो पहली बरसात याद आयी होगी,
वो पहली मुलाकात याद आयी होगी।
वो पहला चुम्बन याद आया होगा,
वो पहला क्रंदन याद आया होगा।
वो पहली दफा राहों में आना याद आया होगा,
वो पहली दफा बांहों में आना याद आया होगा।
वो पहले यार का याराना याद आया होगा,
वो पहले प्यार का खजाना याद आया होगा।
लाखों होंगे उसके चाहने वाले अब भी,
फिर भी उसे गुजरा जमाना याद आया होगा।
जब भी वो किसी नए आशिक़ से मिलती होगी,
बस वही आशिक़ पुराना याद आया होगा।

                                                       :- संदीप प्रजापति

(प्रेम में पूर्णतः समाहित एक व्यक्ति हमेशा इसी कल्पना में रहता है कि शायद उसके प्रेमी ने जीवन में एक न एक बार तो किसी न किसी अवसर पर उसे याद तो जरूर किया होगा या किसी घटना ने उसे उसकी याद दिला दी होगी और कुछ भूली बिसरी स्मृतियों ने उसके भी हृदय को गुदगुदाया होगा। वो एक ही आश में रहता है कि हम दोनों एक ही दुनिया में है, जीवन के किसी न किसी छोर पर भेंट तो होगी ही फिर पूछूंगा कभी मेरी याद आयी थी?)


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