जहाँ परिवार होता है, वहाँ कई रिश्ते होते हैं, अपनत्व होता है, प्रेम होता है और साथ ही साथ अन-बन भी होती है, जिसमे हमारा दायित्व है कि हम अपना धीरज बनाये रखें परंतु यदि कोई वाक्या गलत हो तो उसके प्रति विरोध भी करें।
कविताएँ, शायरियाँ, लघुकथा, यात्रा वृत्तांत, प्रेरणादायक व ज्ञानवर्धक बातें और भी बहुत कुछ हिंदी में...
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पुरुष
पुरुष पुरुषों के साथ समाज ने एक विडंबना यह भी कर दी की उन्हें सदा स्त्री पर आश्रित कर दिया गया। ...
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मेरी पहली किताब : एहसासों की जुबां 'एहसासों की जुबां' यह मेरी पहली ही किताब है। जिसे शाश्वत पब्लिकेशन ...
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