क्या वो प्यार भुला पाओगे...
जिसकी खातिर
गलियों का
चक्कर लगाया
उसी ने
ठुकराया
छोड़ हाथ
मोहोब्बत का
उसने
पैसों को अपनाया
जाओ
खुश रहना
इस दौलत में
मगर जान लो
तरस जाओगे
किसी की
सच्ची मोहोब्बत में
सब कुछ
तो पा जाओगे
लेकिन वो
प्यार कहाँ
से लाओगे
जब प्यास जगेगी
मोहोब्बत की
तब भी
क्या तुम
पैसे ही खाओगे
सच कहना
हमको तो
भूल जाओगे
पर क्या वो
प्यार भुला पाओगे।
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