Wednesday 17 November 2021

एक तलाश जारी है...

एक  तलाश जारी है...

ये तुम हो
या मेरे ख्वाबों ने
तुम्हारी तस्वीर उतारी है।

वो मासूम चेहरा
गोरे गाल
और आँखें भी तो कजरारी है।

वो सादगी  मिजाज
गुलाबी होंठ
और बोली भी तो न्यारी  है।

वो अल्हड़ जवानी
गठीला बदन
और चाल भी तो मतवारी है।

वो पतली कमर
ऊँचा कद
और मोहोब्बत भी तो करारी है।

वो चांदनी सुंदरता
बेदाग चरित्र
और पवित्रता भी तो सारी की सारी है।

सच कहना तुम ऐसी ही हो या,
मेरी कल्पनाओं में एक तलाश जारी है।

                                                 :- संदीप प्रजापति


(अपनी कल्पनाओं में प्रेम का एक चेहरा बुनना और उसी से अथाह प्रेम करना भी एक आनन्द है। प्रेम करने के लिए आपके पास किसी के एक वास्तविक शरीर का होना ही आवश्यक नहीं है। आप किसी स्थान, वस्तु, विचारों या स्मृतियों से भी भरपूर प्रेम कर सकते हैं जो आपको ईश्वरीय प्रेम का अनुभाव कराता रहेगा।)








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