Sunday 8 May 2022

समझदारी या सूंदर नारी

                       समझदारी या सूंदर नारी

जरूरी नहीं है कि हमारा साथी दुनिया का सबसे सुंदर व्यक्ति ही हो। मैं चाहूँगा की जो भी व्यक्ति मेरा साथ चुने वो ज्यादा सूंदर न भी हो तो ठीक है क्योंकि मैं जानता हूँ की मैं भी एक सामान्य मोहनी का व्यक्ति हूँ। इसीलिए किसी इच्छा के प्रति बेहद अपेक्षाएँ रखना जीवन में दुख का कारण हो सकता है। एक हद तक रंग रूप में किसी जोड़े का समान होना भी  जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक है। जहाँ तक बात आती है सुंदरता की, तो मैं मानता हूँ कि समझदारी सुंदरता को मात दे सकती है। एक समझदार साथी किसी सूंदर साथी से कई गुना बेहतर हो सकता है। किसी सूंदर स्त्री का गुलाम होने से एक समझदार स्त्री का जीवनसाथी होना कई गुना बेहतर हो सकता है। मेरी स्त्री दुनिया में सबसे खूबसूरत न हो तो भी ठीक पर मेरे लिए उसका समझदार होना ज्यादा मायने रखता है। उसके पास केवल दुनिया का सबसे खूबसूरत हृदय हो जिससे वो परिवार में सभी का प्रेम पा सके और सबसे स्नेह रखे।

                                                       :- संदीप प्रजापती


नोट:- जिस किसी को दोनों गुण एक ही स्त्री में प्राप्त हो रहा हो वह मेरी इन दकियानूसी बातों पर ध्यान न दे।

( यह छोटा सा लेख मेरे सहित उन सभी भाइयों को समर्पित है जो अप्सरा सी नारी खोज रहे हैं, खुद भले ही कैसे भी हों। एक वक्त तक सभी लड़कों की सोच या चाहत यही होती है कि सूंदर लड़की मिले। परंतु जब इच्छानुसार सुंदरता अपने साथी में नहीं पाते हैं तो जीवन में टकराव की स्तिथि को जन्म दे देते है। ऐसे में हमें हमारी सोच बदलनी होगी और समझदार व्यक्ति को चुनने की सोच विकसित करनी होगी। 
यह लेखक की अपनी व्यक्तिगत विचारधारा है किसी की भावनाएं आहत हुई हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ, कोई सुझाव हो तो प्रतिक्रिया जरूर दें।)

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