बेबाक मोहोब्बत
वक्त दर वक्त बीतता गया और
मोहोब्बत कुछ यूं गहरी हुई है,
तोड़कर सारे बन्धनों को
रूह ये मेरी तेरे लिए ही बावरी हुई है।
काटे तुझ बिन जो पल
अब फिर हो न वो दुबारा,
बिछड़े जो अब की तो
छीन लाऊं रब से तुझको ओ यारा।
जमाने के रोके न रुकूँ
तोड़कर बन्धन मज़हबों के,
इस दुनिया में न सही
तो आ मिलूं जहाँ में ख्वाबों के।
मुझमें मेरे राम बसे
तुझमें तेरे ख़्वाजा,
मोहोब्बत से सजी रहे हमारी ये दुनिया
कभी न बंद हो चाहतो का ये दरवाजा।
जिंदगी के हर मोड़ पर साथ तुम्हारा हो।
हाथों में मेरे बस हाथ तुम्हारा हो।।
:- Sandeep Prajapati
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Guys please don't forget to mention your name with comments...
ReplyDeleteAkash good going 🔥
ReplyDeleteThanx bhai
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