Friday 25 June 2021

ये बारिश...


                               ये बारिश...

किसी को हंसाती है
किसी को रुलाती है,
किसी को अपनों की याद दिलाती है
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।

किसी के आँशुओं को धोती है
किसी के साथ साथ रोती है,
किसी को सपनों से मिलाती है
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।

किसी को प्यार में भीगाती है
किसी को गमों में डुबाती है,
किसी को बूँदों से रिझाती है
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।

किसी का दिल दरिया कर आती है
किसी का समंदर भी सूना कर जाती है,
किसी को चंचल नदियों सा बहाती है
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।

किसी को धानी चुनरिया ओढ़ाती है
किसी को जीते जी कफन चढ़ाती है,
किसी का पतझड़ भी सावन कराती है
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।
ये बारिश जाने क्या क्या खाब दिखाती है।।

ये बारिश ही तो है
जो सब कुछ याद कराती है, जो हमको रुलाती है।
ये बारिश ही तो है
जो फिर से एक आश जगाती है, जो तुमसे मिलाती है।



(आशा है आप सब के जीवन में सदा प्रेम की बारिश होती रहे। ठाकुर जी सबको प्रेम प्रदान करें। जैसे धरती से उठी पानी की बूंद ,बारिश के रूप में फिर से आ धरती में मिलती है। वैसे ही ईश्वर का दिया जीवन ईश्वर में प्रेमपूर्वक मिलें।)
             🙏राधे राधे🙏




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