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Friday 25 June 2021
ये बारिश...
Sunday 20 June 2021
Father's Day
FATHER'S DAY
जैसा कि हम जानते हैं आज Father's Day है, एक ऐसा दिन जो जग के सारे पिताओं को समर्पित है। वैसे तो माता-पिता के लिए कोई एक दिन होना काफी नहीं इनके तो होने से ही सारे दिन है। फिर भी जैसे ईश्वर सर्वस्व होते हुए भी एक विशिष्ट दिन पर अत्यधिक पूजे जाते हैं। वैसे ही आज के युग में माता- पिताओं का सम्मान करने के लिए एक विशिष्ट दिन का होना भी आवश्यक है, ताकि इन्हें भरपुर सम्मान और स्नेह मिल सके।
पिता वो शख्स है जिसने हमें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया, जिसने हमें चलना, दौड़ना गिरना और गिर कर फिर उड़ना सिखाया। पर हार मानना कभी न सिखाया। पिता घर की वो छत है जिसके सायें में सब महफूज है। पिता का होना जैसे आँगन में नीम का होना ऊपर से कड़वाहट लेकिन बहुत फायदेमंद। पिता नारियल के उस फल के समान है जो बाहर से तो बहोत कठोर दिखता है, लेकिन भीतर से बिल्कुल मुलायम होता है। पिता के लिए ऐसी कई उपमाएँ भी कम पड़ जाए। पिता की हर किसी के जीवन में बहुत ही अहम भूमिका होती है। पिता जीवन का आधार है, पिता जीवन का सार है।
पिता का न होना जैसे छत के बिन घर का होना, जिसे न जाने कब कोई लूट ले। पिता का न होना परिवार को सामाजिक और आर्थिक रूप से झंकझोर देता है।
एक शेर है वो
मैं उसके कदमों की आहट हूँ,
क्या लिखूँ मैं उसके लिए
मैं खुद ही जिसकी लिखावट हूँ।
बाप को गले लगाने के लिए
बेटे को उस लायक बनना पड़ता है,
इसी एक तमन्ना के लिए
हर रोज खुद से लड़ना पड़ता है।
:- SANDEEP PRAJAPATI
(पिता के विषय में उत्पन्न सारी भावनाओं को लेख में उतार देना आसान नहीं फिर भी कुछ कोशिश की है।आप भी अपने विचारों को, पिता के लिए अपनी भावनाओं को हमारे साथ अवश्य सांझा करे। आपकी प्रतिक्रिया इन्तजार रहेगा।)
बेबाक मोहोब्बत
Saturday 19 June 2021
माथेरान हिल स्टेशन
क्या कहा...आपको भी पहाड़ों, वादियों,घाटियों और प्रकृति से प्रेम है। तब तो आप बिल्कुल सही लेख पढ़ रहे हैं। आइए मैं आपको ले चलता हूँ ऐसी ही एक पहाड़ी पर जहाँ से लौट के आने को आपका जी बिल्कुल भी नहीं करेगा। अरे हाँ हाँ भाई है ऐसी भी एक जगह है। आज मैं आपको ले चल रहा हूँ महाराष्ट्र के माथेरान हिल स्टेशन , आइए चलते हैं।
"माथेरान" जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है, 'पर्वतों के माथे पर बसा अरण्य'। एक ऐसा प्राकृतिक क्षेत्र जिसके अनुभव से आपका चित्त एकदम शांत और प्रसन्न हो जाए। माथेरान महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले में स्तिथ है और यहाँ का सबसे निकटतम रेल्वे स्टेशन नेरल है। मुम्बई और पुणे से सटे होने के कारण इन महानगरों में बसे शहरी लोगों के लिए सप्ताहांत छुट्टियां मनाने के लिए माथेरान एक लोकप्रिय स्थल है। शहरों की भागदौड़ भरी जिन्दगी से दूर सुकून के कुछ पल बिताने के लिए माथेरान बिल्कुल उपयुक्त विकल्प है।
नेरल तक आप ट्रेनों या अपने निजी वाहनों से आ सकते हैं। मगर हाँ इसके आगे का सफर आप किसी भी प्रकार के वाहन से नहीं कर सकते हैं। ऐसा इसलिए ताकि वाहनों के प्रदूषण से यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और वातावरण खराब न हो। नेरल से आगे हिल स्टेशन की ओर जाने के लिए आप पैदल, घोड़ागाड़ी, रिक्शा या यहाँ की सुप्रसिद्ध टॉय ट्रेन का इस्तेमाल कर सकते हैं। टॉय ट्रेन जो कि अपनी खूबसूरती और यादगार यात्रा के लिए जानी जाती है। धीमी गति से आगे बढ़ती यह ट्रेन आपको पूरे हिल स्टेशन पर चढ़ती उतरती नजर आ जाएगी। जिसमें बैठकर आप आराम से खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। माथेरान में प्रवेश करते ही यहाँ का वातावरण और शुद्ध हवा मन को ताजगी और स्फूर्ति से भर देता है।
वैसे तो इस हरे-भरे हिल स्टेशन पर साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। लेकिन यहाँ इसकी बाँह में आने का सबसे अच्छा मौसम हैं मानसून यानि की बरसात। बरसात के दिनों यहाँ चारों तरफ हरियाली, घाटियों में फैला कोहरा, हवा में तैरते बादल और भीगा-भीगा सा मौसम एक अलग ही समाँ पैदा करते हैं। बरसात के दिनों में यह स्थान और भी सुहावना हो जाता है।
एक बार माथेरान हिल स्टेशन में प्रवेश कर लेने के बाद आप खुद को ही प्रकृति के सबसे करीब पाएंगे। जहाँ तक नजर जाए वहाँ तक बस दूर तक फैले ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और चारो तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है। पहाड़ों के पास बने गणपति जी की प्रतिमा भी काफी लोकप्रिय और देखने योग्य है। यहाँ की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए यहाँ पर कई सारे दृश्य स्थल हैं। जहाँ से आप पूरी की पूरी घाटी को एक अलग ही रोमांच के साथ देख सकते हैं और वादियों में फैली सुंदरता को आंखों में बसा सकते हैं। इनमें से कुछ दृश्य स्थल काफी दुर्लभ है जहां का नजारा आपको कहीं और नहीं मिलेगा।
मैं आपको ऐसे ही कुछ दृश्य स्थलों के बारे में बताता हूँ। जैसे कि माउंट बेरी स्थल यहाँ से आप नेरल से आती हुई ट्रैन का दृश्य देख सकते हैं। पहाड़ों पर हरियाली के बीच से घूम-घूम कर आती ट्रैन का दृश्य वाकई अभिभूत कर देता है। ऐसे ही एक है हनीमून पॉइंट यहाँ से घाटी का विहंगम दृश्य दिखाई देता है, जो कि अविस्मरणीय है।
पेनोरोमा पॉइंट यहाँ से उगते सूरज को देखते ही बनता है। पेनोरोमा पॉइंट से सूर्योदय के दृश्य देखना बेहद ही सुंदर और काल्पनिक है। वैसे ही यहाँ से सूर्यास्त का नजारा भी बहुत नाटकीय और मनोरम होता है।
वन ट्री हिल पॉइंट, हार्ट पॉइंट, मंकी पॉइंट, पोर्क्युपाईन पॉइंट, रामबाघ पॉइंट, खंडाला पॉइंट, लुईसा पॉइंट इत्यादि पॉइंट्स ये सारी जगह यहाँ की खूबसूरती को निहारने केे सबसे के अच्छे स्रोत हैं।
और हां एको पॉइंट तो और भी आकर्षक है यहाँ से आप अपनी ही ध्वनि की प्रतिध्वनि वादियों से टकराकर लौटते हुए सुन सकते हैं। लव पॉइंट , हार्ट पॉइंट, हनीमून पॉइंट और एको पॉइंट प्रेमी जोड़ों में काफी लोकप्रिय दृश्य स्थल है। मंकी पॉइंट पर तो आप बन्दरों की भरमार देख सकते हैं। बन्दरों के अलावा यहाँ पर खच्चर, घोड़े, हाथी इत्यादि प्राणी भी पाए जाते हैं। यहाँ आप घुड़सवारी का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा एलेक्सजेंडर पॉइंट, लिटिल चौक पॉइंट, ओलंपिया रेसकोर्स, लॉर्ड्स पॉइंट इत्यादि स्थानों पर जाकर प्रकृति की खूबसूरती का एहसास कर सकते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
और तो और यहाँ की सबसे खूबसूरत जगह शारलेट लेक अपने अगल-बगल हरियाली लिए हुए, पानी से लबालब भरी हुई यहाँ की खूबसूरती को और निखार देती है। इस झील का नजारा और इसके पास बैठने का सुकून काफी आनंददायक है।
इतनी खूबसूरत जगह से किसी का भी वापस जाने को मन नहीं करता। इसीलिए यहाँ पर ठहरने की भी व्यवस्था है, जो कि किफायती दरों पर उपलब्ध होती है। दिन भर का थका व्यक्ति इन होटलों में रात्रि विश्राम कर सकता है और पुनः सुबह प्रकृति की गोद में जग कर प्रकृति को जी सकता है। वैसे भी एक दिन में इस जगह को जी पाना संभव नहीं है इसीलिए यहाँ रुकने की सुव्यवस्था है।
और फिर अंत में न चाहते हुए भी जब लौटने का वक्त हो जाए। फिर से वही रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी बुलाए तो लौटना पड़ता है। मानस में अनेकों स्मृतियाँ लिए अलविदा कहना पड़ता है।
बैठे हो किस सोच में, आइए माथेरान।
कुछ पल जी लो, प्रकृति की गोद मे।।
स्रोत:- स्वानुभव एवं इंटरनेट
(इस लेख में व्यक्तिगत विचार और अनुभव साझा किये गए हैं। किसी को भी कोई सुझाव देना हो, कोई त्रुटि बतानी हो या कोई और सहायता करनी हो तो आपका स्वागत है।)
Friday 18 June 2021
आकर मेरी पीठ थपथपाना...
आकर मेरी पीठ थपथपाना...
साथ मेरे उड़ान न भर सको,
मत भरना।
मैं अकेले उड़ान भर लूँगा,
मुझे आसमाँ छूना है।
मैं बिन पंख ही उड लूँगा...
हाथ मेरा थाम न चल सको,
मत चलना।
मैं अकेले ही चल लूँगा,
ईश्वर का दीया हूँ।
मैं बिन तेल ही जल लूँगा...
मंजिल मेरी न बन सको,
मत बनना।
मैं खुद ही मंजिल बन लूँगा,
अंधेरों का मुसाफिर हूँ।
मैं बिन पांव ही दौड़ लूँगा...
रास्ते के कांटे मेरे न बीन सको,
मत बीनना।
मैं खुद ही चून लूँगा,
सपनों का सौदागर हूँ।
मैं बिन आंख ही ख्वाब बून लूँगा...
मुफ़लशी में मेरे न आ सको,
मत आना।
मैं खुद ही पार पा लूँगा,
वीरों का वंशज हूँ।
मैं बिन अनाज घास की रोटी खा लूँगा...
दुख के दिनों में न सही
दुख मैं अकेला ही काट लूँगा,
मगर सुख में तो आ सही
सुख मैं सबमें बाँट लूँगा।
मत आना मेरे संघर्षों में
जो गिरू मैं तो मत उठाना,
मगर आ जाना मेरे उत्कर्षों में
आकर मेरी पीठ थपथपाना।
आकर मेरी पीठ थपथपाना।।
:- संदीप प्रजापति
Thursday 17 June 2021
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो...
वो जन्मों जन्मों के वायदे,
वो साथ होने की रसमें
वो सच्ची झूठी कसमें।
सब कुछ तो तोड़ गई हो,
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो।
वो रिमझिम सी बरसातें
वो अधजगी सी रातें,
वो कदमों की आहट
वो बाहों की चाहत।
सब कुछ तो तोड़ गई हो,
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो।
वो साँसों का तेज होना
वो बालों की छांव में सोना,
वो कानों की बाली का घूमना
वो होंठों की लाली का चूमना।
सब कुछ तो तोड़ गई हो,
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो।
वो नजर भर देख लेने की जिद
वो बगैर आस की एक उम्मीद,
वो पाने की फरमाइश
वो छूने की ख्वाहिश।
सब कुछ तो तोड़ गई हो,
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो।
प्राण बिन एक देह छोड़ गई हो।।
:- संदीप प्रजापति
Tuesday 1 June 2021
मरीन ड्राइव
मरीन ड्राइव
"Marine drive is not only a place. It is an emotion."
हाँ आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा। मरीन ड्राइव यह मात्र एक जगह नहीं है यह तो मुम्बईवासियों के लिए एक पूर्ण भावना है। एक ऐसी भावना जिसके अंत का पता ही नहीं। एक ओर विशाल समुद्र तो दूसरी ओर गगनचुंबी इमारतों के बीच बसा यह रास्ता अपने भीतर न जाने कितनी ही कहानियाँ और भावनाएँ समेटे हुए है। दिन-रात समंदर के थपेड़ों को झेलते हुए और अपनी भूजाओं पर आकर्षक इमारतों, होटलों और अस्पतालों को थामे हुए ये कभी नहीं थकता। न जाने कितनी मोटरगाड़ियाँ प्रतिदिन इस पर से गुजरती है पर इसने कभी टिस न भरी। कई दुर्घटनाओं और हादसों को अपने ऊपर झेले हुए आज भी यह हमारे सपनों के शहर की शोभा बढ़ाए हुए है। मानो मुम्बई अगर दिल हो तो उसकी धड़कन मरीन ड्राइव ही है जो हर मुम्बईवासियों में धड़कती है। मुम्बई अगर सपने पूरे करती है तो उन सपनों को देखने का सिलसिला और पूरा करने का हौसला मरीन ड्राइव से ही शुरू होता है। अपनी विशिष्ट शोभा के कारण ही इसे "क्वीन्स नेकलेस" भी कहा जाता है।
कुछ बच्चे तो अपनी आजीविका के लिए इसी पर निर्भर हैं जो सूंदर-सूंदर गुलाब और गुब्बारे बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। वहीं कुछ लोग यहाँ मोटा पैसा भी कमाते है। खुशी हो, दुख हो या हो कोई उत्सव मुंबईवासी उसे मरीन ड्राइव के साथ जरूर साझा करते है। दीवाली और नए साल जैसा उत्सव तो यहाँ देखने योग्य होता है। बरसात के दिनों में तो मानो ये कोई फिल्मी नजारा ही बन जाता हो। चारों ओर रिमझिम बरसात का आनंद लेते हुए प्रेमी युगल यहाँ कईयों की संख्या में देखने को मिल जाएंगे।
भोर से लेकर रात्रि तक यहाँ की अपनी एक अलग ही शोभा है जो हर किसी का मन मोह ले। सबेरे का मन को आल्हादित कर देने वाला दृश्य आहाहा ; पंक्षियों की चहचहाहट तो कुछ हवाओं की सरसराहट तो कहीं एक ओर समंदर की खामोशी मनुष्य को आत्मीय शांति का अनुभव करा देती है। योग-व्यायाम करते लोग तो कुछ दौड़ लगाते लोग देखकर मन एक नई ऊर्जा से भर जाता है। यहाँ की चिलचिलाती दुपहरिया भी कुछ कम नहीं है और इस भरी दुपरिया में बर्फ के गोलों, नारियल पानी, पैरों के नीचे गर्म रेत, सिर पर खुले आसमान और मोतियों सी चमकती लहरों का अपना ही आनंद है।
परन्तु अगर बात की जाए यहाँ की शाम की तो इससे मनमोहक और कुछ नहीं हो सकता। साँझ ढलते ही मोटर गाड़ियों की सरपट दौड़ और लोगों की भीड़ से यह पूरी तरह भर जाता है। मानों कोई उत्सव सा हो। मरीन ड्राइव पर बैठे हुए धीरे-धीरे ढलते सूरज को निहारना, गुलाबी शाम को महसूस करना, समुद्री लहरों से निर्मित मधुर संगीत का रसपान करना और शीतल हवाओं को चेहरे से छूकर गुजरते देना एक बेहद सुखद अनुभव प्राप्त करवाता है। ऐसे सुखद दृश्य को अनुभव करने के लिए यहाँ पर प्रेमी जोड़ों का उमड़ना तो लाजमी ही है, जो अपने प्रेम की सार्थकता के लिए प्रकृति के इस प्रेमलीला को देखने और समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे दिन भर का आग बबूला सूर्य शाम होते ही शांत समंदर में जा मिलता है, कैसे समंदर अपनी बाहों को पसारे सूर्य को अपने हृदय में समाहित कर लेता है। कुछ इसी तरह प्रेमी जोड़े भी प्रेम में समाहित हो जाने की कामना करते हुए यहाँ आते हैं और इसका आनंद लेते हैं।
हाँ तो इसी तरह कुछ सपनों के सौदागर जुझारू लोग जो केवल अपने सपनों के लिए जीते हैं, वे भी इसी सुहानी शाम का अनुभव अपने अंदाज में करते हैं। उनके लिए सूर्य का समंदर को पाना अपने जीवन के लक्ष्य को पाने के समान होता है। वे खुद को सूर्य और समंदर को अपना जीवन लक्ष्य मानकर कर्मपथ पर चलने का सपना देखते हुए इस सुहानी शाम का आनंद लेते हैं।
यहाँ की रात तो और भी रोमांचक होती है, क्योंकि कहा जाता है कि यह शहर कभी सोता नहीं है। रात में सड़कों किनारे जगमगाते सैकड़ों लाइटें आसमान में टिमटिमाते सितारों से प्रतीत होते हैं जैसे कि कोई सितारा बिल्कुल ठीक हमारे सिर के ऊपर ही आ चमका हो। तेज रफ्तार गाड़ियों का शोर और ठंड बहती हवाओं का जोर अच्छे-अच्छे सूरमाओं के भी कँपकँपी छुड़वा दे। रात्रि के एक पहर के बाद मन्द हवाएं ,समंदर की हल्की आवाज़ और कुछ सन्नाटा मन को सुकून का आभास करवाता है और दिन भर के थकान को मिटाता है। कुछ इस तरह एक पूरा दिन मरीन ड्राइव पर आनंदमय बिताया जा सकता है।
हालांकि फिलहाल प्रतिबंधित होने के कारण यहाँ की शोभा में कुछ कमी जरूर आ गयी है लेकिन आशा करता हूँ कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे और हम सभी ये आनंद पुनः भोग पाएंगे।
(कोई व्यक्ति इस लेख से सम्बंधित अपना व्यक्तिगत अनुभव, सुझाव, विचार या मार्गदर्शन देना चाहे तो उसका सहृदय स्वागत है।)
Image Source :- Internet and Self Clicked
पुरुष
पुरुष पुरुषों के साथ समाज ने एक विडंबना यह भी कर दी की उन्हें सदा स्त्री पर आश्रित कर दिया गया। ...
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मेरी पहली किताब : एहसासों की जुबां 'एहसासों की जुबां' यह मेरी पहली ही किताब है। जिसे शाश्वत पब्लिकेशन ...
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